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श्रद्धा , प्रेम , और स्नेह में अंतर क्या है

प्रेम के कई प्रकार

श्रद्धा प्रेम और स्नेह तीनो एक ही धातु के है यहाँ शब्द शास्त्र के धातु से हमारा तात्पर्य नहीं है , हमारा तात्पर्य भाव शास्त्र से है।

ह्रदय का झुकाव एक ऐसा धातु है जो पदों के प्रति होने से श्रद्धा बराबरी में होने से प्रेम , तथा छोटे के प्रति होने से स्नेह कहा जाता है।

श्रद्धा और स्नेह के बिच में जो यह प्रेम शब्द है बड़ा समर्थ है।  यह सबके लिए पर्याप्त है और यदि हम एक शब्द से काम चलाना चाहे तो

प्रेम को ले सकते है।।