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प्रेम करने का आसान तरीका

प्रेम से संसार है

अच्छाइयों को लेकर ही समन्वय हो सकता है ,बुराइयों को लेकर कभी एकता नहीं हुई है ।

अतएव जितने व्यक्तियों से आपका संपर्क हो उनसे एकता बनाए रखने के लिए उनकी अच्छाइयों को देखना तथा उनके प्रति

अगाध प्रेम का भाव रखना ही अत्यंत श्रेयस्कर है।

जैसे की दो व्यक्ति दो वातावरण एवं अलग संस्कारो में जन्मे होते है , फिर दोनों के सारे विचार व्यव्हार सर्वथा एक कैसे हो सकता है।

ऐसी स्थिति में दोनों की केवल सारी बातो को लेकर समन्वय कर लेने के अतिरिक्त एकांत के लिए और क्या चारा हो सकता है  ।